मधुमक्खी पालन का बिजनेस कैसे शुरू करें:- शहद, जिसके नाम में ही मिठास हो जो लगभग सभी व्यक्तियों की पसंद होती है यह सबसे फायदेमंद प्राकृतिक वस्तुओं में से एक है शहद एक चिपचिपा तरल पदार्थ होता है शहद को प्राकृतिक गुणों का खजाना कहा जाता है, जिसमें बहुत से एंटी-बैक्टीरियल और चिकित्सीय गुण है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक होते हैं जिस कारण बाजार में शहद की डिमांड हमेशा बनी रहती है।
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ऐसे में अगर आप भी मधुमक्खी पालन का बिजनेस करके कम लागत में अच्छी कमाई करना चाहते हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए है जिसकी मदद से बिजनेस शुरू कर सकते है।
मधुमक्खी पालन एक नजर में
बिजनेस का नाम | मधुमक्खी पालन का बिजनेस (Honey bee farming business) |
मधुमक्खी पालन शुरू करने में लागत | 45000-50000 रूपये |
मधुमक्खी पालन से लाभ | करीब ढाई से तीन लाख प्रतिवर्ष |
मधुमक्खी की नस्लें | एपिस सिरेना इण्डिका, एपिस फ्लोरिया, एपिस डोरसॅटा, टेट्रागोनुला इरिडीपेनिस, एपिस मेलिफेरा |
मधुमक्खी पालन के लिए पेटी की कीमत | 3000-4000 रूपये प्रतिपेटी |
मधुमक्खी पालन के लिए लाइसेंस | फर्म का रेजिस्ट्रेशन, उद्योग आधार, जीएसटी, FSSAI लाइसेंस |
टोल फ्री नंबर | 1800 3000 0084 |
मधुमक्खी पालन की वेबसाइट | www.kviconline.gov.com |
भारत में मधुमक्खी पालन
सरकार और किसानों के सहयोग से देश भर में मधुमक्खी पालन का बिजनेस करके शहद उत्पादन और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए तमाम कार्यक्रम चला रही है जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की “मीठी क्रांति” की भावना के अनुरूप हैं।
भारत प्रत्येक वर्ष 1.30 लाख टन से अधिक शहद का उत्पादन करता है और कुल उत्पादन का लगभग आधा निर्यात करता है। 2018-19 में शहद का निर्यात सिर्फ 730 करोड़ रुपये था, लेकिन अब 1600 करोड़ रुपये के पार हो गया है। जोकि सिर्फ पांच वर्ष में ही दोगुना हो गया। अमेरिका, भारत के शहद का सबसे बड़ा आयातक देश है इसके अलावा सऊदी अरब, बांग्लादेश, कनाडा एवं कतर में भी भारतीय शहद का बड़ी मात्रा में निर्यात किया जाता है।
पूरे भारत में इस समय मधुमक्खियों की 20 लाख कालोनियां हैं हालाँकि, कई किसान खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) या राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड (एनबीबी) से अभी भी पंजीकृत नहीं हैं इसलिए कारोबार का स्पष्ट डाटा नहीं मिल पा रही है।
मधुमक्खियों की प्रजातियां
मधुमक्खी पालन का बिजनेस करते हैं तो यह जानकारी रखना आवश्यक है कि मधुमक्खियां कितने प्रकार की होती है वैसे तो मधुमक्खियां की पूरी दुनिया में हजारों प्रजातियां होती हैं परन्तु कुछ प्रमुख प्रजातियां निम्नलिखित है।
एपिस सिरेना इण्डिका Apis cerana indica
एपिस सेरेना इण्डिका प्रजाति की मधुमक्खी एक भारतीय प्रजाति की मधुमक्खी है जो पेटियों के अलावा पेडों और दीवारों पर एक-एक करके सात छत्ते बनाती है इसलिए इसे सतकोचवा मधुमक्खी के नाम से भी जाना जाता है Indian High B एक बार डेढ़ से दो किलो शहद बनाती है जो एक साल में 10 से 12 बार शहर प्राप्त कर सकते हैं।
एपिस फ्लोरिया Apis florea
एपिस फ्लोरिया नामक मधुमक्खी भारतीय प्रजाति की मधुमक्खी है यह ज्यादातर छत्ते पेड़ों पर लगाती हैं जो आकार में सबसे छोटी होती है Dwarf B नामक मधुमक्खी एक बार में आधा से एक किलोग्राम शहद देती है।
एपिस डोरसॅटा Apis dorsata
एपिस डोरसॅटा मधुमक्खियों की प्रजाति शहद उत्पादन के मामले में सबसे फेमस है। इस प्रजाति की मधुमक्खियां एक बार में 35 से 40 किलोग्राम शहद बनाती हैं rock b नामक प्रजाति बहुत खतरनाक होने के कारण उनका पालन नहीं किया जा सकता। यह जंगलों पेड़ों पर बड़े बड़े छत्ते बनाती है।
टेट्रागोनुला इरिडीपेनिस Tetragonula iridipennis
डामर या stingless bee नामक प्रजाति की मधुमक्खी एक छत्ते से लगभग 100 ग्राम शहद एक बार में देती है।
एपिस मेलिफेरा Apis mellifera
एपिस मेलिफेरा यूरोपियन प्रजाति की मधुमक्खियां है हमारे भारत में मधुमक्खी पालन का बिजनेस के लिए ज्यादातर इन्हीं मधुमक्खियां का इस्तेमाल किया जाता है इस प्रजाति की मधुमक्खियां एक बार में लगभग 35 से 40 किलोग्राम शहद देती है, और एक साल में तीन से चार बार शहद का उत्पादन करते हैं।
कार्य के अनुसार मधुमक्खियों के प्रकार
कार्य के अनुसार एक छत्ते या एक पेटी में तीन प्रकार की मधुमक्खियां रहती है।
- रानी मधुमक्खी– एक छत्ते या एक पेटी में सिर्फ एक ही रानी मधुमक्खी होती है इसकी उम्र 2 से 3 वर्ष होती है, यह सामान्य मधुमक्खियों से गहरे रंग की और शरीर थोड़ा लंबा होता है रानी मधुमक्खी का कार्य सिर्फ प्रजनन करना है।
- नर मधुमक्खी– नर मधुमक्खी को ड्रोन मधुमक्खी के नाम से भी जाना जाता है इनका काम छत्ते और रानी मधुमक्खी की देखभाल करना और रानी मधुमक्खी के साथ प्रजनन कार्य करना इनकी संख्या एक छत्ते में 1500 से 2000 तक हो सकती है नर मधुमक्खी या ड्रोन मधुमक्खी की उम्र 5 से 6 महीने की होती है।
- श्रमिक मधुमक्खी– श्रमिक मधुमक्खी का कार्य फूलों से रस इकट्ठा करके शहद बनाना और छत्तों को निर्मित करना श्रमिक मधुमक्खी की उम्र करीब 2 महीने होती है और इनकी संख्या एक छत्ते में 50000 से 1 लाख तक हो सकती है।
मधुमक्खी पालन का बिजनेस कैसे शुरू करें
मधुमक्खी पालन का बिजनेस बहुत ही आसान बिजनेस है लेकिन बिजनेस को कैसे शुरू किया जाए जिससे कि आप कम से कम लागत में अधिक से अधिक प्रॉफिट कमा सके इसके लिए निम्नलिखित दिए गए कुछ बिंदु जो कि इस बिजनेस को शुरू करने में सहायता प्रदान करते हैं।
जगह की व्यवस्था एवं सही लोकेशन का चयन करें
मधुमक्खी पालन का बिजनेस करने के लिए ऐसे लोकेशन का चयन करें जो आबादी, भीड-भाड़ एवं शहर से दूर ग्रामीण शांत ऊँचाई वाली जगह हो, जहाँ पर लोगों की आवाजाही बहुत कम हो जंगल, पेंड-पौधे, हरियाली, नदी एवं आसपास पानी का अच्छा स्रोत मौजूद हो क्योंकि मधुमक्खियों को शहद बनाने के लिए फूलों की जरूरत होती है, वह जितना अधिक फूल का रस पीते हैं उतना अधिक शहद मिलता है, मधुमक्खियों के शहद बनाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के मध्य तक होता है इसके बाद उत्पादन घट जाता है।
अगर आप छोटे लेवल पर मधुमक्खी पालन का बिजनेस मात्र 10 पेटियों के साथ शुरू करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको उपरोक्त किसी लोकेशन पर कम से कम 2000 वर्गफीट जगह की आवश्यकता पड़ेगी, जिसमें मधुमक्खी प्लांट एक कार्यालय एवं शहद प्रोसेसिंग यूनिट का निर्माण भी करना होगा अगर आपके पास जगह की कमी है तो लोकेशन के अनुसार जमीन काॅन्ट्रैक्ट पर ले सकते हैं।
मधुमक्खी की पेटियां/कालोनियां स्थापित करें
मधुमक्खी पालन का बिजनेस के लिए आप अपने आसपास किसी बड़े मधुमक्खी पालक से बनी बनाई पेटियां मधुमक्खियों सहित खरीद सकते हैं। मधुमक्खियों के साथ एक पेटी की कीमत लगभग 3 से 4 हजार रुपए है। आप सरकार द्वारा संचालित कृषि विभाग केन्द्रों से भी मधुमक्खियां एवं पेटियाँ खरीद सकते हैं।
शहद प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित करें
शहद प्रोसेसिंग प्लांट को स्थापित करने के लिए एक विशेष मशीन की जरूरत है। इस मशीन का उपयोग हनी प्लांट को बैठाने के लिए किया जाता है। इस मशीन से मधु (शहद) बनाने से लेकर पैकेजिंग करने तक की सभी प्रक्रियाएं पूरी की जा सकती हैं।
लगभग एक हफ्ते में मधुमक्खी का छत्ता पूरी तरह शहर से भर जाता है इसके बाद आपको शहद निकालना चाहिए शहद निकालने के लिए शहद निकालने वाली मशीन (honey extractor) के माध्यम से सुरक्षित और आसान तरीके से शहद निकाल सकते हैं।
अन्य जरूरी वस्तुएँ खरीदें
मधुमक्खी पालन का बिजनेस शुरू करने के लिए कुछ जरुरी सामग्री चाहिए जैसे- मौन पेटिका, मधु निष्काशन यंत्र, स्टैंड, छीलन छुरी, छत्तादार, रानी रोक पट, खुरपी, नकाब, दस्ताने, रानी कोष्ठ रक्षा यंत्र, भोजन पात्र, धुआँकर और ब्रश आदि आदि अन्य वस्तुएं भी मधुमक्खी पालन के बिजनेस में लगते हैं।
मधुमक्खी पालन की प्रक्रिया
मधुमक्खी पालन का बिजनेस या मधुमक्खी फार्मिंग बहुत आसान बिजनेस है इसमें मधुमक्खियां के साथ बनी बनाई पेटी जो आपको मार्केट में आसानी से मिल जाएगा पेटियों के साथ मधुमक्खियां को लोकेशन पर लाकर जमीन से 6 से 12 इंच की ऊंचाई परउसे सेटकर दें कुछ दिनों बाद जब उस पेटी में शहद इकट्ठा हो जाता है तो शहर को मैन्युअल या मशीन के द्वारा निकाल कर उसका प्रोसेसिंग, क्लीनिगं और पैकेजिग करके मार्केट में भेज दिया जाता है।
शहद की पैकिंग एवं मार्केटिंग
शहद की पैकिंग एवं मार्केटिंग इस व्यवसाय के लिए एक अनिवार्य कदम है, शहद पैक करते समय शहद की मात्रा और बोतल का डिजाईन, अपना ब्रांड नेम, लोगो एवं कंपनी के बारे में एवं मैन्युफैक्चरिंग के बारे में पैकिंग पर खास ध्यान रखना चाहिए। आपको विभिन्न डिजाईन एवं साईज के जार बाजार में होलसेल के रूप में मिल जायेंगे।
शहद की मार्केटिंग करने के लिए आप अपने आसपास के फुटकर एवं होलसेल किराना की दुकानों पर एवं मेडिकल स्टोर पर जाकर मार्केटिंग कर सकते हैं या ऑनलाइन ई-कॉमर्स वेबसाइट (BTC) Amazon , flipcart एवं (BTB) INDIAMART, TRADEINDIA के माध्यम से भी शहद की मार्केटिंग के साथ मधुमक्खी पालन का बिजनेस की मार्केटिंग कर सकते हैं।
मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण प्राप्त करें
यदि आप मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण लेना चाहते हैं तो आप अपने नजदीक के किसी मधुमक्खी पालन फार्म से संपर्क करके सीख सकते हैं अगर आपके नजदीक में ऐसा कोई नहीं है तो अपने जिले के कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क करके प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं जहां पर आप चार से ₹5000 खर्च करके मधुमक्खी पालन के बारे में प्रशिक्षण प्राप्त करके बहुत ही आसानी से मधुमक्खी पालन का बिजनेस कर सकते हैं।
मधुमक्खी पालन के व्यवसाय से लाभ
मधुमक्खी पालन का बिजनेस में शहद और मोम दोनों प्राप्त होते हैं मधुमक्खी पालन बहुत फायदेमंद है इसे छोटे स्तर पर करते हैं तो शहद बेचकर आप ढाई से तीन लाख रुपए सालाना कमा सकते हैं इसके अलावा मोम बेचकर एवं जेली बनाकर भी एक्स्ट्रा कमाई कर सकते हैं।
मधुमक्खी पालन के लिए लाइसेंस
छोटे स्तर पर मधुमक्खी पालन का बिजनेस शुरू करने के लिए आपको किसी प्रकार के लाइसेंस रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता नहीं पड़ेगी लेकिन जैसे-जैसे आप बॉक्स को बढ़ाएंगे और आपका बिजनेस बड़ा हो जाएगा तो कुछ लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन करवाने आवश्यक हो जाते हैं जो निम्नलिखित है।
- उद्योग आधार
- फर्म का रेजिस्ट्रेशन
- जीएसटी पंजीकरण
- बैक पासबुक
- पैन कार्ड
- Fssai certificate
मधुमक्खी पालन शुरू करने में आने वाला खर्च
मधुमक्खी पालन का बिजनेस 10 पेटी से शुरू करने पर 40 से 45 हजार रुपए लग सकते हैं उसके बाद मधुमक्खियों की संख्या हर साल लगभग तीन गुना बढ़ जाती है पहले साल 10 पेटियां मिली थीं, लेकिन एक साल के बाद में 30 से 40 पेटियां लगेगी और उत्पादन एवं लाभ भी तीन गुना हो जाएगा। इस बिजनेस से संबंधित अन्य वस्तुओं के खर्चे में 10000 से ₹15000 की आवश्यकता पड़ेगी।
मधुमक्खी पालन छोटे स्तर पर शुरू करते हैं तो सभी खर्च को मिलाकर 45000 से ₹50000 रूपये तक की आवश्यकता पड़ सकती है।
मधुमक्खी पालन के लिए लोन एवं सब्सिडी
कृषि और कल्याण मंत्रालय (Ministry of Agriculture & Farmers Welfare) ने फसल उत्पादकता में सुधार के लिए मधुमक्खी पालकों का लिए एक केंद्रीय योजना शुरू की है। मधुमक्खी पालन का बिजनेस शुरू करने के लिए सरकार 80 से 85 प्रतिशत की सब्सिडी देती है। जिसका मुख्य उद्देश्य मधुमक्खी पालन क्षेत्र को विकसित करना, उत्पादकता को बढ़ाना, प्रशिक्षण देना और जनता को जागरूक करना है।
भारत में मधुमक्खी पालन के लिए नाबार्ड (NABARD) के साथ मिलकर राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड (NBB) ने भी कई ऋण एवं सब्सिडी योजनाएं बनाई हैं। आप चाहे तो केसीसी के माध्यम से लोन प्राप्त कर सकते हैं या प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना या प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत 10 लाख रूपये तक का लोन प्राप्त कर सकते हैं जिस पर ब्याजदर काफी कम होती है।
मधुमक्खी पालन से सम्बन्धित प्रश्न
1. एक छाते में कितनी रानी मधुमक्खियां होते हैं?
एक छत्ते या एक पेटी में सिर्फ एक ही रानी मधुमक्खी होती है इसकी उम्र 2 से 3 वर्ष होती है।
2. मधुमक्खी पालन में कितनी लागत आती है?
कुल मिलाकर मधुमक्खी पालन का बिजनेस अगर छोटे स्तर पर शुरू करते हैं तो सभी खर्च को मिलाकर 45000 से ₹50000 रूपये तक की आवश्यकता पड़ सकती है।
3. मधुमक्खी पालन में कितना लाभ हो सकता है?
मधुमक्खी पालन का बिजनेस में शहद और मोम दोनों प्राप्त होते हैं मधुमक्खियों का पालन बहुत फायदेमंद है यह बिजनेस छोटे स्तर पर करते हैं तो शहद बेचकर आप ढाई से तीन लाख रुपए साल का कमा सकते हैं इसके अलावा मोम बेचकर एवं जेली बनाकर भी एक्स्ट्रा कमाई कर सकते हैं।
4. एक छाते में कितने प्रकार की मधुमक्खियां रहती हैं?
कार्य के अनुसार एक छत्ते या एक पेटी में तीन प्रकार की मधुमक्खियां रहती है।
1. रानी मधुमक्खी, 2. नर मधुमक्खी, 3. श्रमिक मधमक्खी
5. मधुमक्खी पालन के लिए कम से कम कितने जगह की जरूरत पड़ती है?
अगर आप छोटे लेवल पर मधुमक्खी पालन का बिजनेस मात्र 10 पेटियों के साथ शुरू करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको उपरोक्त किसी लोकेशन पर कम से कम 2000 वर्गफीट जगह की आवश्यकता पड़ेगी, जिसमें मधुमक्खी प्लांट एक कार्यालय एवं शहद प्रोसेसिंग यूनिट का निर्माण भी करना होगा अगर आपके पास जगह की कमी है तो लोकेशन के अनुसार जमीन काॅन्ट्रैक्ट पर ले सकते हैं।
6. सबसे अधिक शहद किस प्रजाति की मधुमक्खियाँ बनाती है?
एपिस डोरसॅटा मधुमक्खियों की प्रजाति शहद उत्पादन के मामले में सबसे फेमस है। इस प्रजाति की मधुमक्खियां एक बार में 35 से 40 किलोग्राम शहद बनाती हैं rock b नामक प्रजाति बहुत खतरनाक होने के कारण उनका पालन नहीं किया जा सकता। यह जंगलों पेड़ों पर बड़े बड़े छत्ते बनाती है।
7. मधुमक्खी पालन का बिजनेस करने के लिए कौन से प्रजाति की मधुमक्खी सबसे अच्छी मानी जाती है?
एपिस मेलिफेरा यूरोपियन प्रजाति की मधुमक्खियां है हमारे भारत में मधुमक्खी पालन के लिए ज्यादातर इन्हीं मधुमक्खियां का इस्तेमाल किया जाता है इस प्रजाति की मधुमक्खियां एक बार में लगभग 35 से 40 किलोग्राम शहद देती है, और एक साल में तीन से चार बार शहद का उत्पादन करते हैं।
8. भारतीय शहद का सबसे बड़ा आयातक देश कौन सा है?
अमेरिका, भारत के शहद का सबसे बड़ा आयातक देश है इसके अलावा सऊदी अरब, बांग्लादेश, कनाडा एवं कतर में भी भारतीय शहद का बड़ी मात्रा में निर्यात किया जाता है।
निष्कर्ष
ऐसे में अगर आपके पास मधुमक्खी पालन की कला, जगह और निवेश की क्षमता है तो मधुमक्खी पालन का बिजनेस शुरू करके कम लागत में छोटे लेबल पर शुरू करके एक साल के ढाई से तीन लाख रुपए कमा सकते हैं इसके लिए सरकार भी कई योजनाएं चलकर किसानों का काफी सहयोग कर रही है जो घरेलू से वैश्विक दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है क्योंकि इस क्षेत्र में निर्यात के अच्छे मौके मिल रहे हैं।
जिसके लिए किसी लाइसेंस की भी आवश्यकता नहीं पड़ती है और ना ही अधिक पढ़ा लिखा होने की आवश्यकता है इस व्यवसाय में अधिक कामगार की भी आवश्यकता नहीं पड़ेगी आप स्वयं ही सारा काम एक या दो फैमिली मेंबर के साथ कर सकते हैं।
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दोस्तों हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारे द्वारा लिखा गया यह महत्वपूर्ण रोजगार लेख मधुमक्खी पालन का बिजनेस 2024 कैसे शुरू करें लागत प्रक्रिया मुनाफा | Best honey bee farming business in india पसंद आया होगा यदि आपका इससे जुड़ा कोई सवाल या सुझाव है तो हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं इस जानकारी को आगे शेयर जरूर करें।
आप को राम राम मुझे भी इस वेवसाये मे दिलचस्पी है लेकिन मेरे पास पर्यापत जमीन जगे ओर इस बिसनिस को स्टार्टअप करने के लिए सवम के पास हिमथ ओर जज्बा तो हैं पर रुपये के कारण में वंचित हु किर्पया मुझे मार्ग दर्शन दिखाइये जी धन्ये वाद जी
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद मैं आपको सलाह दूंगा कि अगर आपके पास जमीन और इस बिजनेस में दिलचस्पी है तो छोटे स्तर पर शुरू करें जिसमें आपका कम लागत के साथ रिस्क भी कम रहेगा और जैसे-जैसे आप प्रॉफिट कमायें वैसे अपने बिजनेस को भी बढ़ाते रहें. धन्यवाद..